कविता
दिल की बात तो दिल से हुआ करती है
मुलाकात और ख्वाब तो आते जाते रहते हैं
मुलाकात और ख्वाब तो आते जाते रहते हैं
ना पा सकूँ ना भुला सकूँ
तू मेरी मज़बूरी सी है
तेरे बिना जी रहे है
और जी भी लेंगें
फिर भी तू ज़रूरी सी है।
मेरी हिचकी ने कहा मुझसे
किसी ने याद किया है
शायद तुम होंगे ये वहम पाल लिया