प्रेम ही जीवन का आधार हैं
ऐ हवा जरा मंद-मंद लहरा अभी जख्म ताजा है ऐ फूल जरा कम महक खुश्बू लेने वाला नासमझ है ऐ संगीत जरा बेसुरी हो जा वाहवाही के लिए कौन मोहताज है ऐ सुबह की ओस टहर जा तुझे देखने के लिए सपना तोड़ना पड़ता है.
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