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दिल की बाते
प्रेम ही जीवन का आधार हैं
सोमवार, 12 नवंबर 2018
उसका क्या कसूर
उसके चेहरे पर इस क़दर नूर था,
कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था,
बेवफा भी नहीं कह सकते उसको ज़ालिम,
प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर थी ।
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